Sunday, March 20, 2011

भारतीय होने का गर्व. 'भारत का स्वर्णिम अतीत'

भारतीय होने का गर्व क्यों करें ?  अक्सर आज के भारतीय ये सवाल करते हैं . दरअसल ये प्रश्न दर्शाता है कि  आज भारतीयों क मन में कितनी हताशा है, उनके दिमाग  में अपने वतन की, अपनी सभ्यता की कितनी गलत तस्वीर बनी हुई है. इस ब्लॉग को पढने के बाद ऐसे लोग अपने भारतीय होने का गर्व करने लगेंगे.
            हम इस ब्लॉग में मज़बूत सबूतों के आधार पर अपनी बात को साबित करेंगे और क्योंकि  आज के भारतीयों में ये सोच बन गयी है की विदेशी इतिहासकारों की बात ज्यादा भरोसेमंद होती है इसलिए हम उन्ही के द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रमाणों  के आधार पर बात करेंगे.
            अभी हम भारत के प्राचीन गौरवशाली अतीत की बात नहीं करते हैं फिलहाल हम सौ - डेढ़ सौ(100 -150) सालों से लेकर पिछले हज़ार(1000) साल तक के भारत के अतीत की चर्चा करेंगे.
 भारत के इतिहास के इस कालखंड पर २०० से ज्यादा विदेशी इतिहासकारों ने अपने विचार प्रस्तुत किये हैं. इनमें से कुछ  प्रमुख इतिहासकारों की  बात हम इस चर्चा में रखेंगे.

इन निम्नलिखित ब्लॉग पोस्टों में हम ये चर्चा करेंगे,
1 भारत के व्यापार और उद्योग.
2 भारत में तकनीक.
3 चिकित्सा विज्ञान में भारत की विश्व को देन.
4 विज्ञान में भारत की विश्व को देन. 
5 कृषि- भारत की विश्व को एक महान देन.
6 भारत की महान शिक्षा व्यवस्था.
7 भारत द्वारा भाषा और लिपि की देन.
  

1 comment:

  1. Achha prastut kiya he.

    Mene bhi shree rajeev dixit par blog banaya he, par me blogging me bilkul naya hoon, isliye aapse thodi madad chahata hoon. Krapaya mere blog ko achha banane ke liye rai de.

    www.rajeevdixit.blogspot.com

    yeh mera blog address he.

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